Ganpati Bappa के साथ Morya ही क्यों बोला जाता है?
Ganpati Bappa Morya: भक्तों की आस्था का नारा
भारत में जब भी गणेश उत्सव मनाया जाता है, हर जगह एक ही आवाज़ गूंजती है – "Ganpati Bappa Morya"। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गणपति बप्पा के साथ "मोरया" शब्द क्यों बोला जाता है?
संत मोरया गोसावी का संबंध
"मोरया" शब्द का जुड़ाव पुणे (महाराष्ट्र) के पास चिंचवड़ में रहने वाले महान गणेश भक्त संत मोरया गोसावी से है।
- वे 14वीं–15वीं शताब्दी में हुए थे और उनका पूरा जीवन गणेश भक्ति को समर्पित था।
- कहते हैं कि भगवान गणेश उनके तप और भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्हें आशीर्वाद दिया।
- उनकी समाधि आज भी चिंचवड़ में है, और वहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
👉 इसलिए जब भक्त "Ganpati Bappa Morya" कहते हैं, तो वे भगवान गणेश के साथ संत मोरया गोसावी को भी प्रणाम करते हैं।
"Ganpati Bappa Morya" का अर्थ
- Ganpati Bappa – यानी गणेश जी हमारे रक्षक और पिता समान।
- Morya – यानी संत मोरया गोसावी की याद और उनकी भक्ति का आशीर्वाद।
इसलिए इस पूरे मंत्र का अर्थ होता है –
"हे गणपति बप्पा, हे संत मोरया, आप हमारा कल्याण करें।"
धार्मिक महत्व
- भक्ति का प्रतीक – यह नारा भक्त और भगवान के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – "Ganpati Bappa Morya" का उच्चारण वातावरण को ऊर्जा और उत्साह से भर देता है।
- एकता का संदेश – गणेश उत्सव में यह नारा समाज को जोड़ता है और सामूहिक भक्ति का प्रतीक है।
निष्कर्ष
गणपति बप्पा के साथ "मोरया" शब्द जोड़ने का कारण केवल परंपरा नहीं, बल्कि संत मोरया गोसावी की गहन भक्ति और भगवान गणेश की कृपा से जुड़ा हुआ है। यह नारा भक्तों की आस्था, संस्कृति और ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है।